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Tuesday, October 26, 2010

बिटिया

बिटिया के आगमन ने आज हर्षित कर डाला है,
बेरंग से इस जीवन को, इक सुंदर रंग में ढला है.
बिटिया  के नन्हे आँखों ने,आज चमक में ढाला है 
धूमिल होते सपने को, आज सच  कर डाला है.
बिटिया के नन्हे क़दमों ने,राह सुगम कर डाला है
अवरुद्ध होते मार्ग को,आज सरल कर डाला है.
बिटिया के नन्हे हाथों ने, आज दुआ कर डाला है
विध्वंसक होते बापू को,आज साधू कर डाला है.
बिटिया के नन्हे मुख ने,आज ब्रम्हनाद में ढाला है
कटु होते वचनोंको,आज मिश्री कर डाला है.
बिटिया के आगमन ने,आज हर्षित कर डाला है.
बेरंग से इस जीवन को,इक सुंदर रंग में ढाला है.

Monday, October 25, 2010

ओम

मन रे तू कहे ना ओम जपे ..२
ओम जपन से..२
मन विचलित ना होय
मन रे ..२
ओम शब्द में ब्रह्म निहित है
ओम शब्द में स्वयं निहित है
ओम करे उद्धार
मन रे..२
ओम शब्द में प्रकृति निहित है
ओम शब्द में पुरुष निहित
ओम करे विश्वास
मन रे..२
ओम शब्द में भाव निहित है
ओम शब्द में भक्ति निहित है
ओम करे चमक्तकार
मन रे..२
ओम शब्द में ईश निहित है
ओम शब्द में विश्व निहित है
ओम करे निर्माण
मन रे..२
ओम शब्द में ध्यान निहित
ओम शब्द में धरम निहित है
ओम करे कल्याण
मन रे तू कहे ना ओम जपे

दिल की बातें: शोहरत की धूल

दिल की बातें: शोहरत की धूल