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Wednesday, January 12, 2011

नटराज

भारतीय नाट्य परंपरा के अनुसार शिव आदि नर्तक हैं.
हमारे पूर्वज शिव से नृत्य का उद्भव एवं प्रसारण मानते
आये हैं.मुख्य रूप से सारे देश में शिव के चार रूपों की
पूजा की जाती है.प्रथम -विलाप'अर्थात -विनाशक के
रूप में (बंगाल)में द्वितीय -योगी के रूप में (म.प्र )में
तृतीय -वरदाता के रूप में (सर्वेत्र)पूजे जाते हैं.चतुर्थ
- नटराज के रूप में (दक्षिण )में .
       शिव के यौगिक रूप की आराधना भारत के 
मध्य भाग में अधिक की जाती है.बंगाल में उनके
विनाशकारी रूप की आराधना होती है. और दक्षिण
में उनकी आराधना आनंद नर्तन करने वाले नटराज
के रूप देखी जा सकती है.
वरदाता के रूप में वे सर्वेत्र पूजे जाते हैं.शिव को परि-
- पूर्ण अभिनेता के रूप में तथा  श्री नंदी केश्वेर के रूप में 
पूजे जाने का भी वर्णन मिलता हैं.