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Saturday, July 31, 2010

मेरे पापा

सुबह सबेरे जल्दी उठते, उठकर योगध्यान करते मेरे पापा
हर काम समय से करते ,हर बात समय से करते
मेरे पापा .............
सबकी छोटी खुशियों में शामिल हो जाते
राग द्वेष से परे अपनी छवि अलग दर्शाते
मेरे पापा ...............
बच्चों के सामान बच्चे बन जाते
कभी रुठते कभी मान जाते
मेरे पापा .................
बाहर जाने पर उपहार लाते
पसंद न आने पर पुनः दिलाते
मेरे पापा .................
रंगमंच पर भूल कर भी छा जाते
हर चरित्र ,हर पात्र को सच कर जाते
मेरे पापा ................
माँ के पीठ पीछे  भी तारीफ करते
देर से आने पर झिडकी देते
मेरे पापा ................
सदाचार, सद्भाव का सन्देश देते
मंत्रोच्चार से घर को महकाते
मेरे पापा .................
धन्य इश्वेर  आपको मेरा वंदन है
ऐसे पापा के लिए सैदव नमन
ईश तुल्य,स्नेह्तुल्य,सदाचरण वाले
अहोभाग्य हमारे हम आपके अंश हैं
शत-शत नमन है तुम्हें
मेरे पापा..................

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