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Tuesday, October 26, 2010

बिटिया

बिटिया के आगमन ने आज हर्षित कर डाला है,
बेरंग से इस जीवन को, इक सुंदर रंग में ढला है.
बिटिया  के नन्हे आँखों ने,आज चमक में ढाला है 
धूमिल होते सपने को, आज सच  कर डाला है.
बिटिया के नन्हे क़दमों ने,राह सुगम कर डाला है
अवरुद्ध होते मार्ग को,आज सरल कर डाला है.
बिटिया के नन्हे हाथों ने, आज दुआ कर डाला है
विध्वंसक होते बापू को,आज साधू कर डाला है.
बिटिया के नन्हे मुख ने,आज ब्रम्हनाद में ढाला है
कटु होते वचनोंको,आज मिश्री कर डाला है.
बिटिया के आगमन ने,आज हर्षित कर डाला है.
बेरंग से इस जीवन को,इक सुंदर रंग में ढाला है.

6 comments:

  1. सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.

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  2. i like yr all poem n jingles
    bt as a doughter as a girl its realy heart touching...............

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  3. Rupi,aapne rachanayen pasand ki main aabhari hun.

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  4. Rupali tumne apna kimti waqt nikalkr meri kavitaon ko padha or sraha..dhanyawad.

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