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Tuesday, September 7, 2010

ॐ साईं ताज

तेरे दर कि आबो हवा में एक जूनून सा है
बाबा कि इनायत में एक सुरूर सा है
दर तेरे जाके मैं मौला पुकारूँ शामो शेहेर
बाबा कि इजाज़त हो तो रहबर का दीदार करूँ
इजाज़त मांग के मौला से मुरादें पालूं
मुरादें पूरी कर देंगे शाहवली
बाबा कि इजाज़त हो तो कलमा पढ़ लूँ
कलमा पढ़ के खुदा का शुक्रिया कर लूँ
करम करने को तैयार हैं ताज्वली
तेरे दर कि आबो हवा में एक जूनून सा है
तेरे दर कि आबो हवा में एक शुरुर सा है 
बाबा कि इजाज़त हो तो सजदा कर लूँ
सजदे पे पीर कि नेकियत पा लूँ
जीवन के हर एक मोड़ पे साथ हैं पीरवली
तुम हमें छोड़ के जाओगे तो मर जायेंगे
करम इतना कर दो कि दिल बसा लो
दिल में बसने का हक देने को तैयार हैं ख्वाजवाली
तेरे दर कि आबो हवा में एक जूनून सा है
तेरेदर कि आबो हवा में एक शुरुर सा है .


    

6 comments:

  1. तेरे दर कि आबो हवा में एक जूनून सा है
    तेरेदर कि आबो हवा में एक शुरुर सा है .

    अच्‍छा लिखा है !!

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  2. wow mam g mai peer ko manta hu aapney mujhey dhanya kar diya thanks a lo mam g .

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  3. AAPAKE DAR PE AAYA TO AAP HO GAYA.
    MERA JO MAI THA JANE KAHA KHO GAYA.
    NAZAREN TO MERI MAILI HO GAYIN THI.
    PAK HO GAI JO TERA DEEDAR HO GAYA...JAI SAI RAM.

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  4. Sangeeta puriji,aapki sarahna se meri hausla afzai
    hoti hai.Dil se shukriya.

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  5. Singh sahab,kimti waqt nikalkr aapne padha
    or pasand kiya ye mera saubhagya hai.Kripaya
    anya rachanaon pr bhi prakash dalen.Sujhav
    ki pratiksha rahegi.

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  6. Bahut khoob jijaji,aapka andaze bayan
    kabile tareef hai.Isi tarah dua dete rahiyega.
    Rasta dikhate rahiyega.

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